गुवाहाटी, 14 अप्रैल (संवाद 365)। पूर्वोत्तर और विशेष रूप से असम के युवा न केवल भारत के औद्योगिक परिदृश्य में बल्कि, विश्व स्तर पर भी तेजी से अपना डंका बजा रहे है। असम सहित पूर्वोत्तर के युवा उद्योगपति डॉ. घनश्याम दास धानुका को आज लंदन में 40 वर्ष से कम आयु में एशिया के 40 सबसे प्रभावशाली लीडर का प्रतिष्ठित ‘एशियावन’ पुरस्कार से नवाजा गया है।
युवा उद्यमी डॉ. जीडी धानुका ने सात समंदर पार लंदन में असम ही नहीं, बल्कि समूचे भारत का नाम गौरवान्वित किया है। सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए यह सम्मान एक बड़ी मान्यता है। इससे पहले एडुआर्डो सेवरिन, प्रणव अदानी, अनन्या बिड़ला, अनंत गोयनका, पार्थ जिंदल जैसे उद्योग जगत के दिग्गजों को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुका हैं।
इस साल का समारोह 17वें एशिया-यूरोप बिजनेस एंड सोशल फोरम-2022 के हिस्से के रूप में 12 अप्रैल को लंदन में आयोजित किया गया था। इसमें यूरोप, एशिया, अमेरिका और अफ्रीका के व्यापारिक और सामाजिक लीडरो ने भाग लिया था। जीआर धानुका समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. जीडी धानुका फार्मास्युटिकल्स, हॉस्पिटैलिटी, ग्रीन एनर्जी, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, ऑयल एंड फूड सेक्टर सहित कई उपक्रमों का नेतृत्व करने वाले असम के युवा उद्योगपति हैं।
उन्होंने अपने पिता अशोक कुमार धानुका से सदियों पुराना पारिवारिक व्यवसाय को न केवल संभाला हैं, बल्कि अपने कौशल एवं नई ऊर्जा सहित दूरदृष्टि के साथ इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
डॉ. धानुका ने एलएसई और एलयूएमएस (यू.के.) में शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) और आईआईएम, अहमदाबाद के साथ लीडरशिप कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया और एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है। उनका मानना है कि भारत का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण एक बार में संभव नहीं है, बल्कि एक यात्रा है जिसे हमें थिंक ग्लोबल, एक्ट लोकल विचारधारा के साथ आगे बढ़ना होगा।
डॉ. जीडी धानुका वाईपीओ (यंग प्रेसिडेंट्स ऑर्गनाइजेशन), नॉर्थ ईस्ट इंडिया के चैप्टरचेयर, एलयूबी, नॉर्थ ईस्ट इंडिया के सचिव, मारवाड़ी हॉस्पिटल्स के दानवीर सदस्य और ईओ (एंटरप्रेन्योर्स ऑर्गेनाइजेशन), असम के संस्थापक सदस्य हैं।
डॉ. जीडी धानुका को “इंडियन अचीवर्स अवार्ड” तथा टाइम्स समूह द्वारा वर्ष 2020 में “विजनरी लीडर इन असम एंड नॉर्थ ईस्ट अवार्ड” सहित राष्ट्रीय व अंतरर्राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उनका मानना है की कर्म करते रहना चाहिए, बाकी सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।